भक्त भगवान को रिझाता
ध्यान में परमात्मा के चिन्तन के अलावा कुछ भी नहीं है। भगवान को हम शरीर रूप से भजते भगवान को
ध्यान में परमात्मा के चिन्तन के अलावा कुछ भी नहीं है। भगवान को हम शरीर रूप से भजते भगवान को

प्रभु से बात दिल की गहराई से की जाती है। आंखें आंसू तभी बहाती है। जब परमात्मा से सम्बंध बन

दिल के भावसच्चे भक्त के दिल की एक ही पुकार होती है कि किस प्रकार मेरे स्वामी भगवान् नाथ का
सत्संग कैसे होएक भक्त अपने अन्तर्मन को पढता है देखता है मै अब खाली मटका हू भरा हुआ मटका बोलता

भक्ति करते हुए भक्त कर्म को उत्सव की भांति देखता भक्त देखता है कर्म करते हुए जितने शुद्ध भाव प्रभु

वासुदेव सरवम पर प्रकाश डालते हैं वासुदेव सरवम को गहराई से समझगें तभी गीता ज्ञान को समझ सकते हैं। वासुदेव

दीपक दिपावली काहमारे मन की पवित्रता ही दिपावली है शान्ति ही अयोध्या नगरी है। हमे मन मन्दिर को सजाना है
भारत में त्योहारों का महत्व भारतीय त्योहारों की सुंदरता हमारे जीवन को हर्ष और उल्लास से भरते हैं। पर्व हमारे
भारत में त्योहारों का बहुत महत्व है भारतीय त्योहारों की सुंदरता हमारे जीवन को हर्ष और उल्लास से भरते हैं।

हम समय की कीमत को जिस समय समझ जायेगे। जीवन हमारा हर्षाएगा। आज का व्यक्ती समय की महत्ता को भुल