
सांवरे
अरे सांवरे तुझे तो छुपना भी नहीं आया। तु छुप तो गया पर कर्म की चाबी हमे देकर चला गया।
अरे सांवरे तुझे तो छुपना भी नहीं आया। तु छुप तो गया पर कर्म की चाबी हमे देकर चला गया।
प्राणी संसार के सब सुख भोगता है। फिर भी तृप्त नहीं होता क्यों कि संसारिक सुख आत्मा को शांति प्रदान
सुक्ष्म तत्व में परमात्मा के चिन्तन के अलावा कुछ भी नहीं है। भगवान को हम शरीर रूप से भजते भगवान
हम शीश सबको नवाये पुजा किसी एक की दिन रात करे। अपना एक ही पार लगा देगा। रोज अनेक देवी
जंहा मै नहीं है जगत नहीं है शरीर नहीं है। चेतन आत्मा का अनुभव होने लगता है। आत्म आनंद का
मानव जीवन मे परम पिता परमात्मा का नाम और चिंतन एक ऐसा विस्वास है कि हम भगवान को भजते हुए
परमात्मा को जानने के लिए हर क्षण परमात्मा का बनना होता है। अहो वह कोन सी घङी होगी जब मेरे
हम भगवान् के नाम की माला फेरे, भागवत गीता, रामायण पढे मन्दिर में जाये और साथ में हमे जब भी
प्राणी के पास दिल और मन होता है। मन हर समय उठक पटक करता है। दिल मे प्रेम होता है।
हमारे धर्म में राम जी को कृष्ण जी भगवान है। हम भगवान् पर विश्वास करे तो भगवान् हमारी इच्छा होते