राम मन्दिर की स्थापना प्राणी के हदय में भक्ती का रोपण है
राम मन्दिर की स्थापना प्राणी के हदय में भक्ती का रोपण है भगवान राम का राज तिलक है गर्भ ग्रह
राम मन्दिर की स्थापना प्राणी के हदय में भक्ती का रोपण है भगवान राम का राज तिलक है गर्भ ग्रह
राम भगवान हैं परमात्मा राम को प्रणाम है। राम सत्चित् आनन्द स्वरूप है भगवान राम हमारी आत्मा की पुकार है।
यदि दुख का स्वाद आनंददाई हो जाय तो सुख की लालसा ही नही होगी दुःख में सुख की खोज हमारी
हम अपने अवचेतन मन को विचार दे सकते हैं हम जिस कार्य में सफल होना चाहते हैं हम निश्चय करे
भगवान राम को एक भक्त कैसे निहारता है। यह मेरे जीवन का सत्य हैहनुमान जी के ह्दय में राम बैठे
भगवान राम को एक भक्त कैसे निहारता है। यह मेरे जीवन का सत्य हैहनुमान जी के ह्दय में राम बैठे
हम अयोध्या में राम के दर्शन करने आये हैं। श्री राम जय राम जय जय रामराजा राम के राज तिलक
राम मंदिर के उद्घाटन की धुम मची है चारो ओर।हिन्दू संस्कृति अब जाग्रत होगी जन जन मेराम मंदिर राम राज्य
ज्ञान कोई नहीं देता है। ज्ञान प्राप्त कर के क्या करोगे जीवन अर्पण करो तब कुछ हो एक एक सांस
प्रथम राम राम मेरे भगवान् तुमको करती हूं। हे परमात्मा तुम मेरी आत्मा के स्वामी हो। हे परम पिता परमात्मा