भगवान सब जानता है
हम भगवान पर पूर्ण विशवस करे। रामजी और कृष्णजी को हम भगवान कहते है लेकिन पूर्ण रूप से भगवान पर
हम भगवान पर पूर्ण विशवस करे। रामजी और कृष्णजी को हम भगवान कहते है लेकिन पूर्ण रूप से भगवान पर
राम राज्य का अर्थ है हमारे मन में पवित्रता हो। हमारे अन्तर्मन मे भगवान राम के आदर्श हो। जीवन में
जीवन यात्रा को पुरणता की ओर लेकर जाना हैंहमारा जन्म हुआ हमनें जीवन के सब सुख भोगते हुए परमात्मा का
मै प्रथम राम राम मेरे भगवान तुमको करती हूं। हे परमात्मा तुम मेरी आत्मा के स्वामी हो। हे परम पिता
परम पिता परमात्मा को प्रणाम है परम पिता परमात्मा ही गुरु है। मेरा प्रभु ही मेरा सब कुछ है।साधक परमात्मा
मन पर विचार न करके हमे परमात्मा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भगवान के जीवन चरित्र को पढते हुए भगवान
आनंद का प्राकट्य तभी होता है।जब साधक अन्तर्मन में परम पिता परमात्मा को बैठा लेता है। परमात्मा में लीन शरीर
काली अंधियारी रात बीत चुकी अब सुर्य वंशी राम का तेज पृथ्वी पर उदय हुआ है राम राज्य कहीं बाहर
मेरे राम की प्राण प्रतिष्ठा है चलो अयोध्या धाम कोयह राम राज्य की स्थापना है भारत की गद्दी पर एक
हे राम मै तुम से एक प्रार्थना करती हूं राम भक्तो के हृदय में कैसे बसे है।राम बसे है भक्तो