
बांसुरी सुनूंगी, मैं तो बांसुरी सुनूंगी
बांसुरी सुनूंगी मीरा बाई का भक्ति रस से परिपूर्ण पद भावार्थ और व्याख्या:यह पद भक्त शिरोमणि मीरा बाई की अटूट
बांसुरी सुनूंगी मीरा बाई का भक्ति रस से परिपूर्ण पद भावार्थ और व्याख्या:यह पद भक्त शिरोमणि मीरा बाई की अटूट
बरसाने में आज श्री राधिका जी के मुखमंडल पर कुछ उदासी सी छायी देखकर वृषभानु बाबा अति लाड से पूछ
पूर्वकाल में घटित यह प्रसंग गोलोकधाम का है। श्रीकृष्ण की तीन पत्नियाँ हुईं–श्रीराधा, विरजा और भूदेवी। इन तीनों में श्रीकृष्ण
भगवान के सभी नाम श्रेष्ठ हैं, सभी धाम पवित्र हैं, सभी स्वरूप ध्येय (ध्यान करने के लिए) हैं; फिर भी
हनुमान जी जब पर्वत लेकर लौटते है तो भगवान से कहते है.प्रभु आपने मुझे संजीवनी बूटी लेने नहीं भेजा था।आपने
भीष्म चुप रहे , कुछ क्षण बाद बोले,” पुत्र युधिष्ठिर का राज्याभिषेक करा चुके केशव … ?उनका ध्यान रखना ,
श्रीकृष्ण के लीला काल का समय था, गोकुल में एक मोर रहता था, वह मोर श्रीकृष्ण का भक्त था, वह
क्या हैं शिव और शक्ति के अर्धनारीश्वर स्वरूप की महिमा और क्या महत्व है -” प्रार्थना और प्रतीक्षा” का?PART-01कौन है
वेदसार शिवस्तव भगवान शिव की स्तुति है। जिसे भगवान शिव की प्रसन्नता हेतु आदिगुरु शंकराचार्य ने लिखा है। इस स्तुति
धन्य हैं वे गोपियां, रास के समय भगवान श्रीकृष्ण ने अपने चरणारविन्दों को जिनके वक्ष:स्थल पर रखा। ऐसा महाभाग्य अन्य