[146]”श्रीचैतन्य–चरितावली”
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामप्रभु का पुरी में भक्तों से पुनर्मिलन अद्यास्मांक सफलमभवज्जन्म नेत्रे कृतार्थेसर्वस्ताप: सपदि वरितो
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामप्रभु का पुरी में भक्तों से पुनर्मिलन अद्यास्मांक सफलमभवज्जन्म नेत्रे कृतार्थेसर्वस्ताप: सपदि वरितो
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामश्री सनातन वृन्दावन को और प्रभु पुरी को कालेन वृन्दावनकेलिवार्तालुप्तेति तां ख्यापयितुं विशिष्य।कृपामृतेनाभिषिषेच
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामश्री प्रकाशानन्द जी का आत्मसमर्पण भ्रातस्तिष्ठ तले तले विटपिनां ग्रामेषु भिक्षामटस्वच्छन्दं पिब यामुनं
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामस्वामी प्रकाशानन्द जी मन से भक्त बने अद्वैतवीथीपथिकैरुपास्या:स्वानन्दसिंहासनलब्धदीक्षा:।हठेन केनापि वयं शठेनदासीकृता गोपवधूविटेन।। श्री
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामश्री सनातन को शास्त्रीय शिक्षा अथ स्वस्थाय देवाय नित्याय हतपाप्मने।त्यक्तक्रमविभागाय चैतन्यज्योतिषे नमः।। महाप्रभु
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामश्री सनातन का अदभूत वैराग्य शरीरं व्रणवद् बोध्यमन्नं च व्रणलेपनम्।व्रणशोधनवत् स्नानं वस्त्रं च
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामश्री सनातन की कारागृह से मुक्ति और काशी में प्रभु-दर्शन छिद्रान्वेषणतत्परः प्रियसखि प्रायेण
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामरूप की विदाई और प्रभु का काशी-आगमन यः प्रागेव प्रियगुणगणैर्गाढबद्धोअपि मुक्तोगेहाध्यासाद् रस इव
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराममहाप्रभु वल्लभाचार्य और महाप्रभु गौरांगदेव श्रीगौरवल्लभभगवत्परायणौमहाप्रभु भक्तिप्रियौ सुनायकौ।भक्तिपरौ कृष्णकथातिगायकौभक्तिविहीनस्य प्रसीदतां मे।। महाप्रभु गौरांगदेव
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराममहाप्रभु वल्लभाचार्य श्रीमदाचार्यचरणं पुष्टिमार्गप्रचारकम्।वल्लभं गोपवंशाख्य भूयो भूयो नमाम्यहम्।। हम पहले ही बता चुके