अनमोल मोती
परिवार के सभी आदरणीय भगत जनों एवम् मातृ शक्ति को जय राम जी की भगवान की कौन सी लीला में
परिवार के सभी आदरणीय भगत जनों एवम् मातृ शक्ति को जय राम जी की भगवान की कौन सी लीला में
पुराण की कथाहनुमानजी के श्वांस से सुन रामधुन, महादेव-पार्वती संग देवलोक उठा झूम रावण के वध के बाद अयोध्यापति श्रीराम
एक समय भगवान कृष्ण ने, अर्जुन को कजली बन में पुष्प लेने के लिए भेजा। हनुमान जी वहां केले के
एक संत थे वे राम कथा लिखते थे दिन भर में जो लिखते थे शाम को भक्त लोग इकट्ठा होते
अथ श्रीपञ्चमुखहनुमत्कवचम्श्रीगणेशाय नम:|ॐ अस्य श्रीपञ्चमुखहनुमत्कवचमन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषि:|गायत्री छंद:| पञ्चमुख-विराट् हनुमान् देवता| ह्रीम् बीजम्|श्रीम् शक्ति:| क्रौम् कीलकम्| क्रूम् कवचम्|क्रैम् अस्त्राय फट्
दोहा: निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करें सन्मान ।तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ।। भावार्थ:- जो भी
एक कथा कहती है कि तुलसीदास जी जब हनुमान चालीसा लिखते थे लिखे पत्रों को रात में संभाल कर रख
जय श्री राम कथा प्रारम्भ होत है सुनो वीर हनुमान जय सियाराम जब कथा वाचक श्री राम जी की कथा
अर्जुन कपिध्वज कहे जाते हैं। अर्जुन के झंडे पर हनुमान जी विराजते थे। अध्यात्मिक दृष्टि से विचार करने पर विदित