
श्रीकृष्ण कवच
अपने नवजात बच्चे को श्रीकृष्ण कवच के पाठ द्वारा सुरक्षित रखने का यह बहुत ही महत्वपूर्ण स्तोत्र है। गर्ग संहिता
अपने नवजात बच्चे को श्रीकृष्ण कवच के पाठ द्वारा सुरक्षित रखने का यह बहुत ही महत्वपूर्ण स्तोत्र है। गर्ग संहिता
गोपियाँ कृष्ण से पूछती हैं कि बता- तू जिसके ऊपर प्रसन्न होता है उसे क्या प्रदान करता है – जब
छ्ठी मनाओ सखी मंगल गाओ। घड़ी घड़ी लाला की छठी मनाओ साखी मंगल गाओ घड़ी घड़ी,,,सखी जमुना जल से स्नान
बच्चे के जन्म के बाद छठी पूजन क्यों किया जाता है? भगवान श्रीकृष्ण का छठी पूजन उत्सव कैसे मनाया गया?
आज लाला एक दिन के हो गये है रेवती मैया यशोदा मैया जो को सखियों के साथ मोर पंख दे
आज नंदोत्सव है । नंदोत्सव अर्थात कल रात्रि में भगवान श्री कृष्ण नर रूप में पृथ्वी तल पर प्रकट हुए
श्री गणेशाय नमः। ॐ नमो विश्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।विश्वेश्वराय विश्वाय गोविन्दाय नमो नमः।।१।। नमो विज्ञानरूपाय परमानन्दरूपिणे।कृष्णाय गोपीनाथाय गोविन्दाय नमो नमः।।२।। नमः कमलनेत्राय
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र और वृषभ के चंद्रमा की
राधे राधे
बाबा नंद माँ यशोदा के मनमोद कूँ सुख प्रदान कर समूचे बृज की त्रिलोक में प्रतिष्ठा
मंद मंद बारिश होने लगी है। अर्ध रात्रि का समय है। देवकी और वसुदेव के हाथ-पैरो की बेड़ियां खुल गई