
श्री कृष्ण लीला चिंतन
ग्वालिन के प्राणों में स्पन्दन होने लगता है। पर क्षणभर का भी विलम्ब मनोरथ को तोड़ देगा! ग्वालिन विद्युद्गति से

ग्वालिन के प्राणों में स्पन्दन होने लगता है। पर क्षणभर का भी विलम्ब मनोरथ को तोड़ देगा! ग्वालिन विद्युद्गति से

श्रीराधावल्लभ लालजू के पाटोत्सव की बधाई आजु बधाई सबनु सुहाई श्रीहरिवंश सुधाम ।प्रगट भये श्रीराधावल्लभ रसिक जनन विश्राम ।।कार्तिक सुदि

सच्चिदानन्द रूपाय विश्वोत्पत्यादि हेतवे।तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयम नुमः।। ‘जिसका स्वरूप सच्चिदानन्द है, जो इस समस्त विश्व की उत्पत्ति, पालन

एक बार अर्जुन नीलगिरि पर तपस्या करने गए। द्रौपदी ने सोचा कि यहाँ हर समय अनेक प्रकार की विघ्न-बाधाएं आती

आज शरद पूर्णिमा है हिन्दू धर्म ग्रंथों की माने तो आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने महारास लीला रचाई

राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी कैसे खत्म हुई और क्या हुआ फिर राधा का, कैसे हुआ था उनका अंत!!!!! कई वर्षों

जिस दिन कान्हा खडे हुए मैया के सब मनोरथ पूर्ण हुये आज मैया ने गणपति की सवा मनि लगायी है।

गोपियाँ कृष्ण से पूछती हैं कि बता- तू जिसके ऊपर प्रसन्न होता है उसे क्या प्रदान करता है – जब

बहुत ही मनमोहक प्रसंग, अवश्य पढ़ें — एक नई गोपी को श्रीकृष्ण का बहुत विरह हो रहा था। सारी रात

अपने नवजात बच्चे को श्रीकृष्ण कवच के पाठ द्वारा सुरक्षित रखने का यह बहुत ही महत्वपूर्ण स्तोत्र है। गर्ग संहिता