
शुभ जन्माष्टमी
राधे राधे
बाबा नंद माँ यशोदा के मनमोद कूँ सुख प्रदान कर समूचे बृज की त्रिलोक में प्रतिष्ठा
राधे राधे
बाबा नंद माँ यशोदा के मनमोद कूँ सुख प्रदान कर समूचे बृज की त्रिलोक में प्रतिष्ठा
मंद मंद बारिश होने लगी है। अर्ध रात्रि का समय है। देवकी और वसुदेव के हाथ-पैरो की बेड़ियां खुल गई
।। जय श्रीकृष्ण ।। अवतार का अर्थ होता है, उतरना, अवतरण; ऊपर से आता है कोई, जगह खाली करो, कोई
।। बाल मुकुंदाष्टकम् ।। करारविंदेन पदारविंदंमुखारविंदे विनिवेशयंतम्।वटस्य पत्रस्य पुटे शयानंबालं मुकुंदं मनसा स्मरामि।।१।। संहृत्य लोकान्वटपत्रमध्येशयानमाद्यंतविहीनरूपम्।सर्वेश्वरं सर्वहितावतारंबालं मुकुंदं मनसा स्मरामि।।२।। इंदीवरश्यामलकोमलांगंइंद्रादिदेवार्चितपादपद्मम्।संतानकल्पद्रुममाश्रितानांबालं
दिव्यकृष्णसँदेश-“उमड़ घुमड़ कर घिर रहे थे, तिमिर अमा शवरी में काले कजरारे जलद बादल आज! रह-रह कर गरज रहे थे
जय श्री कृष्णा कल रात .. एक अनूठा सपना आया ..लगा .. अरे .. ये तो कोई अपना आया ..कुछ
कृष्ण नाम ही सबसे पवित्र तीर्थ है। कृष्ण नाम ही सबसे पवित्र मूर्ति है। कृष्ण नाम ही परमात्मा है। कृष्ण
जन्माष्टमी का त्यौहार श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मथुरा नगरी में असुरराज कंस के कारागृह
वृंदावन की गली में एक छोटा सा मगर साफ़ सुथरा,सजा संवरा घर था। एक गोपी माखन निकाल रही है और
राधे राधे कृष्ण कन्हैया की वंशी का स्वर केवल गोपियों को ही क्यों सुनाई देता था। ब्रज में गोप-ग्वाल नंदबाबा