
रामचंद्र कह कर बुलायेंगे
चाँद को भगवान् राम से यह शिकायत है की दीपवली का त्यौहार अमावस की रात में मनाया जाता है और
चाँद को भगवान् राम से यह शिकायत है की दीपवली का त्यौहार अमावस की रात में मनाया जाता है और
आजु मैं गाइ चरावन जैहौं।बृन्दावन के भाँति भाँति फलअपने कर मैं खैहौं ।ऐसी बात कहौ जनि बारे,देखौ अपनी भाँति।तनक तनक
राम का घर छोड़ना एक षड्यंत्रों में घिरे राजकुमार की करुण कथा है और कृष्ण का घर छोड़ना गूढ़ कूटनीति।
एक बार की बात है, वृन्दावन में एक संत रहा करते थे. उनका नाम था कल्याण. बाँके बिहारी जी के
*ऐसी लगन लगा दे तू , उठ उठ कर मैं रातों को**कभी मैं पकडू माला को , कभी मैं जोडू
भगवान की प्रत्येक लीला रहस्यों से भरी होती है। वे कब कौन-सा काम किस हेतु करेंगे, इसे
आज का प्रभु संकीर्तन।जब तक किसी भक्त में प्रेम की प्यास गोपी की तरह नही होगी,तब तक भक्त को श्री
श्रीवृषभान नृपति के आंगन,बाजत आज वधाई सो ।।कीरति देरानी सुखसानी सुता,सुलच्छन जाई हो ।।भक्ति सर्ब दासी है जाकी,सियाहूते अधिक सुहाई
आप अभी जानते हैं कि जैसे ही आप बिहारी जी की गली में पहुंचते हैं तो दर्शन के लिए
*मैं निराकार, मैं ही आकार हूँ,**मैं महाकाल, मैं ही किरात हूँ ।।**समय का प्रारब्ध, मैं समय का ही अंत हूं,**मैं