श्रीराधा टीला लीला स्थली
जय श्रीकृष्ण ये वृन्दावन परिक्रमा मार्ग में ठाकुर जी का लीला स्थान है lअगर आप विशुद्ध भाव के साथ यहां
जय श्रीकृष्ण ये वृन्दावन परिक्रमा मार्ग में ठाकुर जी का लीला स्थान है lअगर आप विशुद्ध भाव के साथ यहां
अपनी माता कीर्ति जी से सखियों-संग खेलने का बहाना कर, श्री राधा जी श्री कृष्ण से मिलने उनके घर पहुँच
कैलाश पर्वत पर महावतार बाबाजी के साथ एक मुलाकात की कहानी …“मैं पद्मासन में बैठा, मेरा ध्यान आज्ञा चक्र पर
*एक सब्ज़ी वाला था, सब्ज़ी की पूरी दुकान साइकल पर लगा कर घूमता रहता था ।”प्रभु” उसका तकिया कलाम था
एक बार एक संत से किसी ने पूछा -कि वृद्ध व्यक्ति की सेवा करने का क्या महत्व है। संत ने
राम चरित्र मानस एक दिन संध्या के समय सरयू के तट पर तीनों भाइयों संग टहलते श्रीराम से महात्मा भरत
आज का प्रभु संकीर्तन।हे प्रभु! इस सृष्टि के आदि में भी तुम्हीं थे और सृष्टि का यदि किसी काल में
वृन्दाबन साँचौ धन भैया।कनक कूट कौटिक लगि तजिए, भजिये कुँवर कन्हैयाँ॥जहाँ श्री राधा चरनरेनु की कमला लेत बलैय्या।तिन को गोपी
जो भी साधक हर रोज उगते सूर्य के सामने बैठकर भगवान सूर्य की इस स्तुति का पाठ अर्थ सहित करता
भगवन्नाम लेना जबसे शुरू किया, समझना चाहिये कि तभी से जीवन की असली शुरुआत हुई है।भगवन्नाम में ऐसी अलौकिक शक्ति