मीरा चरित भाग- 95
‘ए बँदरिया दूर हो’- उन्होंने चिल्लाकर कहा।‘क्यों तुम्हारे बाप का राज है यहाँ?’- मैने कहा।‘जरा इधर आ, फिर बताऊँ कि
‘ए बँदरिया दूर हो’- उन्होंने चिल्लाकर कहा।‘क्यों तुम्हारे बाप का राज है यहाँ?’- मैने कहा।‘जरा इधर आ, फिर बताऊँ कि
।। जय श्रीहरि भगवान विष्णु ।। भगवान विष्णु के १६ नामों का एक छोटा श्लोक प्रस्तुत है। इसमें मनुष्य को
(शिव महापुराण)
‘शंकर: पुरुषा: सर्वेस्त्रिय: सर्वा महेश्वरी।’ अर्थात्- समस्त पुरुष भगवान सदाशिव के अंश और समस्त स्त्रियां भगवती शिवा की अंशभूता हैं,
ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन।तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती।। वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने।नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने।आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे।।
नमस्ते देवदेवेश नमस्ते राक्षसान्तक। नमस्ते वानराधीश नमस्ते वायुनन्दन।। नमस्त्रिमूर्तिवपुषे वेदवेद्याय ते नमः। रेवानदी विहाराय सहस्रभुजधारिणे।। सहस्रवनितालोल कपिरूपाय ते नमः। दशाननवधार्थाय
ॐ श्रीसमस्तजगन्मङ्गलात्मने नमः। श्रीदेव्युवाच शैवानि गाणपत्यानि शाक्तानि वैष्णवानि च। कवचानि च सौराणि यानि चान्यानि तानि च।।१।। श्रुतानि देवदेवेश त्वद्वक्त्रान्निःसृतानि च।
(हिंदी काव्य में भाव के साथ करें बहुत ही आनंद दायक और प्रभावी है।) जय शिव शंकर, जय गंगाधर, करुणाकर
अष्टमी तिथि, बुधवार, 6 सितंबर रोहिणी, नक्षत्र, कृष्ण पक्ष, भाद्रपद अनन्त कोटि ब्रह्माण्ड के स्वामी,शिशु रूप धारण कर माता देवकी
उत्तर प्रदेश में कृष्ण या गोपाल गोविन्द इत्यादि नामों से जानते हैं राजस्थान में श्रीनाथजी या ठाकुरजी के नाम से
आज का प्रभु संकीर्तनजीवन मे मनुष्य बहुत कुछ जानने और सीखने का प्रयत्न करता है।सीखना और जानना एक कला है।जो