भगवान (Bhagvan)

मीरा चरित भाग- 45

इन चूड़ियों में से, जो कोहनी से ऊपर पहनी जाती हैं उन्हें खाँच कहते हैं) गलेमें तमण्यों (यह भी ससुराल

Read More...

मीरा चरित भाग- 44

वहीं उनका सत्कार करके विदा कर देते हैं। सब कहते हैं कि इन बाबाओं ने ही मीरा जैसी सुन्दर, सुशील

Read More...

मीरा चरित भाग- 43

आँहों भरी आँसुओं की कराह….. विवाह की तैयारी में मीरा को पीठी (हल्दी) चढ़ी। उसके साथ ही दासियाँ गिरधरलाल को

Read More...

मीरा चरित भाग- 42

एक ने अपनी बारी आते ही कहा—’मारो मत अन्नदाता! मैंने कूकड़ो बोलताँ (मुर्गा बोलते) पेलाँ ही इण झरोखा शू एक

Read More...

मीरा चरित भाग- 41

सेवकों को पलक झपकाने का भी अवकाश न हो, ऐसे अपने-अपने मुरतबके अनुसार सावधान कार्यरत दिखायी देते हैं। अटाले (रसोई)

Read More...