[161]”श्रीचैतन्य–चरितावली”
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामश्री रघुनाथ भट्ट को प्रभु की आज्ञा दारा: परिभवकारा बन्धुजनो बन्धनं विषं विषया:।कोऽयं
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामश्री रघुनाथ भट्ट को प्रभु की आज्ञा दारा: परिभवकारा बन्धुजनो बन्धनं विषं विषया:।कोऽयं
अतुलित बल धामं हेम शैलावदेहम्…(श्री रामचरितमानस) रास्ते भर हनुमान जी को ही कहता रहा… उन्हें उनके श्री सीता राम जी
पदम पुराण के अनुसार जो घर राधा रानी के चरण-चिन्हों से विभूषित होगा वहां भगवान नारायण (भगवान श्री कृष्ण) संपूर्ण
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामजगदानन्द जी की एकनिष्ठा अर्चायामेव हरये पूजां यः श्रद्धयेहते।न तद्भक्तेषु चान्येषु स भक्तः
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामजगदानन्द जी के साथ प्रेम-कलह अनिर्दयोपभोगस्य रूपस्य मृदुनः कथम्।कठिनं खलु ते चेतः शिरीषसयेव
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामभक्त कालिदास पर प्रभु की परम कृपा नैषां मतिस्ताव्दुरुक्रमाङघ्रिंस्पृशत्य नर्थापगमो यदर्थ:महीयसां पादरजोअभिषेकंनिष्किंचनानां न
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराम*महात्मा हरिदास जी का गोलोकगमन विनिश्चितं वदामि ते न चान्यथा वचंसि में।हरिं नरा
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामनिन्दक के प्रति भी सम्मान के भाव क्षमा शस्त्रं करे यस्य दुर्जनः किं
अभी-अभी मईया लाला को स्नान करवा के लाई है और लाला को पलंग पर बिठाकर उसके वस्त्र उठाने गई हैं।बस
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेराममहाप्रभु की अलौकिक क्षमा क्षमा बलमशक्तानां शक्तानां भूषणं क्षमा।क्षमा वशीकृतिर्लो के क्षमया किं