दिव्य राधा-माधव –प्रेम की मधुर झाँकी)
प्रेममूलक त्याग या गोपीभाव )
(पोस्ट 6 अन्तिम )
|| श्रीहरी: ||मधुर – झाँकी १(— :: x :: — गत पोस्ट से आगे …….‘श्यामसुन्दर चाहें हमारा अपमान करावें अथवा