
दिव्य राधा-माधव –प्रेम की मधुर झाँकी)
प्रेममूलक त्याग या गोपीभाव )
(पोस्ट 2 )
|| श्रीहरी: ||मधुर – झाँकी गत पोस्ट से आगे —–इसी प्रकार प्रेम-प्रतिमा प्रेयसी अपने प्राणप्रियतम के लिये त्याग कराती है;