
बाँके बिहारी जी के प्रकट उत्सव बिहार पंचमी की सबको बधाई
बाँके बिहारी जी के प्रकट उत्सव बिहार पंचमी की सबको बधाई🌹 संगीत सम्राट तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास वृन्दावन के

बाँके बिहारी जी के प्रकट उत्सव बिहार पंचमी की सबको बधाई🌹 संगीत सम्राट तानसेन के गुरु स्वामी हरिदास वृन्दावन के

|| श्रीहरी: || — :: x :: — गत पोस्ट से आगे —–‘स्व’ की सर्वथा विस्मृति होकर केवल प्रियतम ही

|| श्रीहरी: ||मधुर – झाँकी गत पोस्ट से आगे —–इसी प्रकार प्रेम-प्रतिमा प्रेयसी अपने प्राणप्रियतम के लिये त्याग कराती है;

|| श्रीहरी: ||मधुर – झाँकी १(— :: x :: — गत पोस्ट से आगे …….‘श्यामसुन्दर चाहें हमारा अपमान करावें अथवा

|| श्रीहरी: || गत पोस्ट से आगे …….श्यामसुन्दर ही कर्ता हैं और वे ही हमारे कर्म हैं | श्यामसुन्दर ही

|| श्रीहरी: ||मधुर – झाँकी १(— :: x :: — त्याग की बड़ी महता है, त्याग से ही जीवन का

“जय हो जगत्पावन प्रेम कि जय हो उस अनिर्वचनीय प्रेम कि उस प्रेम कि जय हो, जिसे पाकर कुछ पानें

🌷(अलौकिक निकुंज लीला श्री जी की दया कृपा से,सभी आनद लीजिए और चिंतन कीजिये हम सब सहचरी भी madhvi कुंज

यमुनाजी अलौकिक निधि भगवान श्रीकृष्ण की प्राप्ति कराने वाली हैं । जो वैष्णव अष्टप्रहर यमुनाजी के नामों का उच्चारण करता

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।। उस दिव्योन्माद अवस्था में