सरस्वती जी (Saraswati Ji)

सरस्वती नाम स्तोत्र

सरस्वत्यां प्रसादेन, काव्यं कुर्वन्ति मानवाः।तस्मान्निश्चल-भावेन, पूजनीया सरस्वती।।१।। श्री सर्वज्ञ मुखोत्पन्ना, भारती बहुभाषिणी।अज्ञानतिमिरं हन्ति, विद्या-बहुविकासिनी।।२।। सरस्वती मया दृष्टा, दिव्या कमललोचना।हंसस्कन्ध-समारूढ़ा, वीणा-पुस्तक-धारिणी।।३।।

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banana 4309166 640

मां सरस्वती विद्या,

संगीत और बुद्धिकी देवी मानी गई हैं।*”सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:।वेद वेदान्त वेदांग विद्यास्थानेभ्य एव च।। सरस्वति महाभागे विद्ये

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