
संकटनाशक विष्णु स्तोत्र
संकटनाशक विष्णु स्तोत्र भगवान श्रीहरि विष्णु के संकष्टनाशन विष्णुस्तोत्र का पाठ करने से कष्ट से मुक्ति मिलती है एवं उनकी
संकटनाशक विष्णु स्तोत्र भगवान श्रीहरि विष्णु के संकष्टनाशन विष्णुस्तोत्र का पाठ करने से कष्ट से मुक्ति मिलती है एवं उनकी
कहा जाता है कि जब जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है तो भगवान अवतार लेकर उस संकट को दूर
विष्णवे विष्णवे नित्यं विष्णवे विष्णवे नम:।नमामि विष्णुं चित्तस्थमहंकारगतिं हरिम।। चित्तस्थमीशमव्यक्तमनन्तमपराजितं।विष्णुमीडयमशेषेण अनादिनिधनं विभुम।। विष्णुक्षितगतो यन्मे विष्णुर्बुद्धिगतक्ष यत।यव्वार्हकारगो विष्णुर्यद्विष्णुर्मयि संस्थित:।। करोति कर्मभूतोऽसौ
आज का प्रभु संकीर्तन।*मनुष्य योनि में जन्म लेकर हम एक सुन्दर समाज से जुड़ जाते हैं जिसमे रिश्ते,नातो के अतिरिक्त
जहां शालग्राम शिला रहती है वहां भगवान श्रीहरि व लक्ष्मीजी के साथ सभी तीर्थ निवास करते हैं हिमालय पर्वत के
।। जय श्रीहरि भगवान विष्णु ।। भगवान विष्णु के १६ नामों का एक छोटा श्लोक प्रस्तुत है। इसमें मनुष्य को
किसी ने सही ही कहा है कि भगवान के पांव में स्वर्ग होता है। उनके चरणों जैसी पवित्र जगह और
हिन्दू धर्म के अनुसार विष्णु ‘परमेश्वर’ के तीन मुख्य रूपों में से एक रूप हैं। भगवान विष्णु सृष्टि के पालनहार
श्री कृष्णःशरणं ममजय श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,हे नाथ नारायण वासुदेवाय!!!
जय श्री नारायण हरि
नमामि नारायण पादपंकजम्
श्री विष्णु जगतपति
दुर्भाग्य से मिल जाएगी मुक्ति; भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की बरसेगी कृपा…अगर दुर्भाग्य आपका लगातार पीछा कर रहा है.