आ जोगियां वे कदे रत्नो दे वेहड़े
तनु मेहने मार बैठी हूँ रोनी आ मैं बैठी, जद दा छड़ के गया है सुख लगे भी नहीं मेरे,
तनु मेहने मार बैठी हूँ रोनी आ मैं बैठी, जद दा छड़ के गया है सुख लगे भी नहीं मेरे,
देवी देवते फुल्ल बरसांदे , मेनू मंदिर दे सुपने औंदे, सुपने दे विच लगदा मेनू , आ के कोई पुकारदा,
हेठ बोहद दे खड़के रत्नो ने अवाज़ा मारिआ, याद जोगी नु करके रत्नो ने अवाज़ा मारिआ, किथे गया मेरा पौनाहारी,किथे
माएँ नी जोगी फ़क़ीर हो चलेया माएँ नी जोगी ने उचा टीला मलेया माएँ नी जोगी फ़क़ीर हो चलेया माएँ
रतनो कत्तदी चरख़ा ओह रात तकदी जोगी दा हर पुनी पावे प्यार दी तंद हर इक कतदी जोगी दा रतनो
वाटां लंमियाँ ते रस्ता पहाड़ दा असी चलके आये हां तेरे द्वार जी सहनु चरना च ला लै पौनाहारीया एहना
मेरे बाबा बालक नाथ तुम्हे हम नित नित शीश झुकाते है भक्त मस्त होकर गाते है बाबा तुम को जो
तेरे दर्शन को जी करता है तुमसे मिलने को जी करता है तेरे चरणों में ध्यान लगता है तेरे दर्शन
लभ्दी मैं तेनु बचा जंगला तो आई वे सरो दा एह साग छना लस्सी दा ल्याई वे तेनु रतनो पुकारे
बोल वे कालिया कावा,मेरे जोगी ने कद औना, जोगी ने कद औना,मेरे बालक ने कद औना, तेनु कूट कूट चुरियाँ