मैं रहु या न रहु भारत ये रहना चाहिए
देश से है प्यार तो हर पल ये केहना चाहिए मैं रहु या न रहु भारत ये रहना चाहिए, वंदे
देश से है प्यार तो हर पल ये केहना चाहिए मैं रहु या न रहु भारत ये रहना चाहिए, वंदे
मेरा रंग दे… मेरा रंग दे बसंती चोला माए रंग दे, मेरा रंग दे बसंती चोला माए रंग दे |
जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा, वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा
भारत माँ के चरण से नाता जोड़ लिया मैंने, भगवा रंग का चोला अब तो ओहड़ लिया मैंने, भगवा मेरी
तेरा लुट ना जाए माल ओए, ओ जट्टा पगड़ी संभाल ओए, पगड़ी संभाल जट्टा पगड़ी संभाल ओए तेरा लुट ना
कही कल कल नदियां पुकारे, कही पर्वत करे है इशारे, अपना पण है याह है फ़िज़ा में, मिले लोग यहाँ
बुंदेले हरबोलों के मुख हमने सुनी कहानी | खूब लड़ी मरदानी वह थी, झाँसी वाली रानी || इस समाधि में
तलवारों पे सर वार दिए अंगारों में जिस्म जलाया है तब जाके कहीं हमने सर पे ये केसरी रंग सजाया
जिसने मरना सीखा लिया है, जीने का अधिकार उसी को जो काँटों के पथ पर आया, फूलों का उपहार उसी
जलते भी गए, कहते भी गए, आज़ादी के परवाने, जीना तो उसी का जीना है जो मारना वतन पे जाने