
भवन रंगीला मां का शेर पीला पीला है
भवन रंगीला…मां का शेर पीला पीला है,शेर पीला पीला है, शेर पीला पीला है॥राधा जी ने ओढी चुनरी ओढ़ी कृष्ण

भवन रंगीला…मां का शेर पीला पीला है,शेर पीला पीला है, शेर पीला पीला है॥राधा जी ने ओढी चुनरी ओढ़ी कृष्ण

ठुमक ठुमक चली आई मेरी मैया भक्तो ने बोल दिया जयकारा टिका तो मैया मै ले आई बिन्दिया लयाव मेरा

।। भगवती स्तोत्रम् ।। महर्षि व्यास द्वारा लिखा गया मां दुर्गा का यह स्तोत्र कल्याणकारी है। इसका पाठ करने से

अयि गिरिनंदिनि नंदितमेदिनि विश्वविनोदिनि नंदनुतेगिरिवरविंध्यशिरोधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते।भगवति हे शितिकण्ठकुटुंबिनि भूरिकुटुंबिनि भूरिकृतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते।। सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरतेत्रिभुवनपोषिणि

1. मन मन्दिर में जोत जगालो मईया जी के नाम कीब्रह्मा विष्णु शंकर गाये, महिमा जिसके धाम की, सूरज जैसा

जगदम्बे भवानी माँ दुर्गे, भगतों पे तू ही दया करना, हम तेरी शरण में आए हैं, हमे भव से पार

सभी देशवासियों कोपावन पर्व चैत्र नवरात्रकी हार्दिक शुभकामनाएं सभी देशवासियों कोपावन पर्व चैत्र नवरात्रकी हार्दिक शुभकामनाएं ! ।। माँ दुर्गा

रक्ष रक्ष महादेवि दुर्गे दुर्गतिनाशिनि।मां भक्त मनुरक्तं च शत्रुग्रस्तं कृपामयि।। विष्णुमाये महाभागे नारायणि सनातनि।ब्रह्मस्वरूपे परमे नित्यानन्दस्वरूपिणी।। त्वं च ब्रह्मादिदेवानामम्बिके जगदम्बिके।त्वं

शैलपुत्री-कार्येण याऽनेकविधां श्रयन्ती, निवारयन्ती स्मरतां विपत्तीः।अपूर्वकारुण्य रसार्द्र चित्ता, सा शैलपुत्री भवतु प्रसन्ना।।१।। ब्रह्मचारिणी-स्वर्गोऽपवर्गो नरकोऽपि यत्र, विभाव्यते दृक्कलया विविक्तम्।या चाऽद्वितीयाऽपि शिवद्वितीया,

जीवन में सफलता की कुंजी है ‘सिद्ध कुंजिका’- दुर्गा सप्तशती में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक अत्यंत चमत्कारिक और तीव्र