श्री दुर्गादेव्यै नमो नमः
हे सिंहवाहिनी, शक्तिशालिनी, कष्टहारिणी माँ दुर्गे।महिषासुरमर्दिनि, भव भय भंजनि, शक्तिदायिनी माँ दुर्गे।। तुम निर्बल की रक्षक, भक्तों का बल विश्वास
हे सिंहवाहिनी, शक्तिशालिनी, कष्टहारिणी माँ दुर्गे।महिषासुरमर्दिनि, भव भय भंजनि, शक्तिदायिनी माँ दुर्गे।। तुम निर्बल की रक्षक, भक्तों का बल विश्वास
नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः।नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्मतां।।१।। रौद्राय नमो नित्यायै गौर्यै धात्र्यै नमो नमः।ज्योत्स्नायै चेन्दुरूपिण्यै सुखायै
ध्यानम्।चामुण्डा प्रेतगा विकृता चाऽहि भूषणादंष्ट्रालि क्षीणदेहा च गर्ताक्षी कामरूपिणी।दिग्बाहुः क्षामकुक्षि मुशलं चक्रचामरेअङ्कुशं विभ्रती खड्गं दक्श्ःइणे चाथ वामके।। खेटं पाशं धनुर्दण्डं
ॐ अस्या: वैष्ण्व्या: पराया: अजिताया: महाविद्ध्या: वामदेव-ब्रहस्पतमार्कणडेया ॠषयः। गाय्त्रुश्धिगानुश्ठुब्ब्रेहती छंदासी। लक्ष्मी नृसिंहो देवता। ॐ क्लीं श्रीं हृीं बीजं हुं शक्तिः।
लंकायां शांकरीदेवी कामाक्षी कांचिकापुरे।प्रद्युम्ने शृंखलादेवी चामुंडी क्रौंचपट्टणे।।१।। अलंपुरे जोगुलांबा श्रीशैले भ्रमरांबिका।कॊल्हापुरे महालक्ष्मी मुहुर्ये एकवीरा।।२।। उज्जयिन्यां महाकाली पीठिकायां पुरुहूतिका।ओढ्यायां गिरिजादेवी माणिक्या
भक्तों के घर भी मां मेरी आती रहा करो,दर्शन को नैना बाँवरे, दर्शन दिया करो| सूरत सलोनी आपकी आंखों में
भक्तों के घर भी माँ मेरी आती रहा करो,दर्शन को नैना बाँवरे, दर्शन दिया करो| सूरत सलोनी आपकी आँखों में
भक्तों के घर भी मां, भक्तों के घर भी मां, मेरी आती रहा करो,दर्शन को नैना बांवरे, दर्शन को नैना
जय भगवति देवि नमो वरदे, जय पापविनाशिनि बहुफलदे । जय शुम्भ-निशुम्भ-कपालधरे, प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे ।।1।।जय चन्द्रदिवाकर नेत्रधरे, जय पावक
ममतामयी माता के अनन्त रूप हैं और वही माता संसार में सर्वाधिक पूज्य हैं। “ब्रह्मवैवर्तपुराण” के गणेश खंड में कहा