मेरी मां की चुनरिया
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी मां की चुनरिया, भगतो के मन को भहा गयी रे, मेरी मैय्या की
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी मां की चुनरिया, भगतो के मन को भहा गयी रे, मेरी मैय्या की
अंगना बुहारो, माँ का भवन संवारो, झोंके पुरविया के बतला गए, नवरात्रे आ गए। शेरा वाली माई सदा भक्तो की
शेरों वाली की शरण में आओ भक्तो, जो मांगोगे मिलेगा। यहाँ दौलत मिलती, यहाँ इज्जत मिलती, माँ भाग्य सवारे, सुख
वैष्णो देवी नैना देवी जय हो तेरी महाकाली, डंका बजता है तेरी जग में शान निराली, भक्तो का यु उधार
जय संतोषी माता, जय संतोषी माता। अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता॥ सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हों। हीरा
अम्बे माँ दर तेरे आये सभी वरदान दे माँ हमें ज्ञान दे, ना खाली को दर से वापिस जाए हम
मैया किसने रंगा है ये गुलाभी चोला, ये लगता प्यारा ये सबसे नयरा ये नैया तारे दुःख हर का सारे,
माँ तेरे द्वार पर ज़िंदगी हो बसर, मेरा बिगड़ा मुकदर सवर जायेगा, हाथ ममता का माँ जो रहा मेरे सिर,
नवराते आ गए अँगना बुहारो माँ का, भवन सवारों झोंके पुरवईया के, बतला गए नवराते आ गए, शेरावाली माई सदा
मेरे दिल नू करार नी आंदा तू घर मेरे चल अमिये, तेरा लाल बैठा भवना च रोंदा तू घर मेरे