
भंगड़ा पौंदे ने माँ दे भगत प्यारे,
ढोलक वजदी छेने वजदे गूंज रहे जयकारे, भंगड़ा पौंदे ने माँ दे भगत प्यारे, भोले माँ दे भगता ने आज
ढोलक वजदी छेने वजदे गूंज रहे जयकारे, भंगड़ा पौंदे ने माँ दे भगत प्यारे, भोले माँ दे भगता ने आज
मैं तो देख आई सारे दरबार मैया का भवन प्यारा लगे, मुझे भाये नहीं कोई दवार,मैया का भवन प्यारा लगे……
जय जय माँ, जय माँ जय जय माँ, जय माँ दे माँ, निज चरणों का प्यार जय जय माँ, जय
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे, हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ । हे दरबारा
बड़े नसीब से खुशियों की घडी आई है, तेरे दरबार में क्या राजा क्या भिखारी माँ, कचेरी फर्श पर सरकार
उचे पर्वत पे बेठी वैष्णो रानी सबकी झोली भरे माता रानी, तुम हो शारदा लक्ष्मी तुम भवानी तेरे दर की
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी मां की चुनरिया, भगतो के मन को भहा गयी रे, मेरी मैय्या की
अंगना बुहारो, माँ का भवन संवारो, झोंके पुरविया के बतला गए, नवरात्रे आ गए। शेरा वाली माई सदा भक्तो की
शेरों वाली की शरण में आओ भक्तो, जो मांगोगे मिलेगा। यहाँ दौलत मिलती, यहाँ इज्जत मिलती, माँ भाग्य सवारे, सुख
वैष्णो देवी नैना देवी जय हो तेरी महाकाली, डंका बजता है तेरी जग में शान निराली, भक्तो का यु उधार