जयति जय माँ जय सरस्वती
जयति जय माँ जय सरस्वती जयति वीणा धारिणी माँ ॥ जयति जय पद्मासन माता जयति शुभ वरदायिनी माँ ।
जयति जय माँ जय सरस्वती जयति वीणा धारिणी माँ ॥ जयति जय पद्मासन माता जयति शुभ वरदायिनी माँ ।
हम धाम वैष्णो जावेगे दुर्गे माँ ने मनावे गे, नवरातो का लग रहा मेला धाम मईया का अलबेला, जाके दर्शन
मेरा पावन हो गया आंगणा, मेरी माता रानी आई आज, छमा छम नाचू आंगणा गंगा जल लेके आजा रे सजाना,
जगराता शेरांवाली का लगता बड़ा सुहाना। नाच रहा हर कोई हो के भक्ति में दीवाना॥ झाँझ-मँजीरे बाज रहे हैं, जगमग
तेरी महिमा है जग से निराली ओ मईया तेरी जय हॉवे, ओ मईया तेरी जय होवे ओ मईया तेरी जय
छोटी छोटी कंजक के पांव में पायल, बोले छन छनान छन, जयकारे मैया के बोल रहे है मैया रानी के
माता का जगराता होगा मईया के गुण गयेंगे, आंबे मात तेरे दर पे आके श्रद्धा सुमन चढ़ायेगे, माता का जगराता
शेर पर बैठी मेरी मातारानी आजा तू मेरी शेरावालिये, ज्योत जैसे चमक ने वाली आजा तू मेरी ज्योता वालिये, जब
दर ते आवा गये तेरे सालो साल नि माये , पुरे करदे तू मेरे भी सवाल नि माये, दर ते
माँ अक्षर कितना प्यारा माँ से सुख मिलता सारा, माँ अक्षर फिर ना होता तो माँ न कहता ये जग