
कोई पंहुचा दो सन्देश मेरा
कोई पंहुचा दो सन्देश मेरा, मन लगता नहीं गुरु जी तुम बिन इक दिन, आँखों में आंसू आते है, अब
कोई पंहुचा दो सन्देश मेरा, मन लगता नहीं गुरु जी तुम बिन इक दिन, आँखों में आंसू आते है, अब
अंतरयामी नू दसा कि हाल दिल दा, गुरु जी प्यारे नु दसा की हाल दिल दा, मेथो वध एहनु पता
गुरु चरना विच रह के कसमा खावागे दिन होवे या रात हरि गुण गावागे छोटा सा सागर है भरनी असा
भरोसे आपके चाले जी, सतगुरू मारी नाव, सतगुरू मारी नाव, दाता सतगुरू मारी नाव, भरोसे आपके चले जी, सतगुरू मारी
सत्संग है ज्ञान सरोवर, सुखो की खान बन्दे, सत्संग से ही मिल जाते, सचमुच भगवन बन्दे, सत्संग है ज्ञान सरोवर,
तान तकड़ी ते मन वन्जारा, जी सोधा करी सोच सोच के, इस तान दे ने नौ दरवाजे, दसवा ठाकुर द्वारा
तुम्हारे भवन में ज्योत जागे, ज्योत जागे मेरे पाप भागे अन्दन मंगल होये जी, भरमा जी वेद जपा है तेरे
चाहे हार हो चाहे जीत हो, तेरे चरणों में सतगुरु मेरी प्रीत हो, जन्म जनम से रटन लगाईं, अब तो
किरपा करते झोलियाँ भर ते हो खुश नसीब है के पाया आप को, खुशियां देते हो के गम हर लेते
गुरु जी तेरा मेरा प्यार कभी न बदले, मेरा ये व्यवहार कभी न बदले, गुरु जी तेरा मेरा प्यार कभी