सुरज नहीं निकलेगा ओ हनुमाना
सुरज नहीं निकलेगा ओ हनुमानासंकट में पति प्राण है मानाकहे उर्मिला ना घबरानाजब तक बुटी ना पहुंचेगीसुरज नहीं निकलेगा ओ
सुरज नहीं निकलेगा ओ हनुमानासंकट में पति प्राण है मानाकहे उर्मिला ना घबरानाजब तक बुटी ना पहुंचेगीसुरज नहीं निकलेगा ओ
।। जय जय जय बजरंगबली ।। मंगल-मूरति मारुत-नंदन।सकल-अमंगल-मूल-निकंदन। पवनतनय संतन-हितकारी।हृदय बिराजत अवध-बिहारी।। मातु-पिता, गुरु, गनपति, सारद।सिवा-समेत संभु, सुक, नारद।। चरन
भगवान राम को एक भक्त कैसे निहारता है। यह मेरे जीवन का सत्य हैहनुमान जी के ह्दय में राम बैठे
भक्त और भगवान का, नाता है बेजोड़एक बार जिसका जुड़ा, अमर हुआ वह जोड़ भक्त बने हनुमान जी, हदय बसे
मंगल मूरति राम दुलारे,आन पड़ा अब तेरे द्वारे,हे बजरंगबली हनुमान।हे महावीर करो कल्यान। हे महावीर करो कल्यान।। तीनो लोक तेरा
विनती सुन लो मारुती नंदनकाटो मेरे दुःख के बंधन ….हे महावीर बजरंगबलीतुम्हे सब कहते है दुःख भंजन…. चरण शरण में
दीनो के नाथ दुखियो का सहारा, सब की बिगड़ी बनाना काम तुम्हारा, दीनो के नाथ दुखियो का सहारा, हे हनुमान
झूमो नाचो गाओ भक्ति में डूब जाओ, संकट हरने आ गया बाबा का जन्मदिन आ गया, मेरा बजरंग बाला आ
श्री राम की तू जपले रे माला मिलेंगे तुझे हनुमाना, राम के काज ये हर पल बनाये, राम चरण रज
राम लक्ष्मण के संग जान की, जय बोलो हनुमान की, करते भगति सदा राम की, जय बोलो हनुमान की, दीं