कान्हा मत छेड़ रे मुरली की तान
कान्हा मत छेड़ रे मुरली की तान, राधा रूठ न जाए लेके ये मान, मुझसे ये मुरली भली, वेरन मुरली
कान्हा मत छेड़ रे मुरली की तान, राधा रूठ न जाए लेके ये मान, मुझसे ये मुरली भली, वेरन मुरली
श्याम से नेहा लगाए, राधे नीर बहाए । जाके गुण बाँसुरिया गाती, वो हारी लिख लिख कर पाती । जा
हमें भी न पाओगे तुम नही आओगे, बोलो न श्याम मेरे तुम कब आओ गे जाने से पेहले कर लो
होली खेलूँगी नंदलाल म्हाने ल्यादे ने पिचकारी म्हाने ने पिचकारी म्हाने ल्यादे रंग पिचकारी होली खेलूँगी नंदलाल म्हाने ल्यादे ने
तेरे ही भरोसे नैया छोड़ी रे कन्हैया अब देर न कर नैया पड़ी है भवर मेरे सांवरिया सांवरिया तेरे ही
श्याम तेरी सोहनी बांसुरी मेरे मन को भाई है, वारी जावां कारीगर तो, जिन बांसुरी बनाई है, मथुरा में जन्म
तेरे दर्शन को तरसे ये नैना हमारे है, तुमसे ही मेरी खुशिया तुम से ही बाहारे है, जीवन की ख़ुशी
संवारे दर्श दिखा जा तुझको कसम है मेरी, दिल में वसा है जब से आँखे ये नम है मेरी, संवारे
एक नज़र मेहर दी तक लै, मेरे शैहणशा मैनु चरना च रखला, मैं दर तेरे ते मर जावा, तेरे नाम
कुछ दो या ना दो श्याम, इस अपने दीवाने को दो आँसुं तो दे-दे, चरणों में बहाने को नरसी ने