यशोमती मैय्या से,बोली बृज बाला,
हे मैय्या यशोमती मैय्या से,बोली बृज बाला,लूट लियो मेरो माखन,तेरो नन्दलाला । पहले सुनाई मुरली,मन हर लिन्हो,सुध बुध भुलाई मैय्या,ऐसो
हे मैय्या यशोमती मैय्या से,बोली बृज बाला,लूट लियो मेरो माखन,तेरो नन्दलाला । पहले सुनाई मुरली,मन हर लिन्हो,सुध बुध भुलाई मैय्या,ऐसो
पकड़ लो हाथ बनबारी, नही तो डूब जायेंगेहमारा कुछ ना बिगड़ेगा, तुम्हारी लाज जाएगीधरी है पाप की गठरी, हमारे सिर
तेरी गलियों का हूं आशिक़,मैं किधर जाऊंगा,तेरा दीदार ना होगा,तो मैं मर जाऊंगा,छोड़ कर सारे ज़माने को,हुआ हूं तेरा,ताने मारेगा
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे,तेरी सांवरी सूरत पे मैं वारि रे॥ जमुना तट हरी धेनु चरावे,,,मधुर मधुर स्वर वेणु बजावे॥तेरी
ओ हरि जी, चरन कमल बलिहारी ओ हरि जीजेहि चरनन से सुरसरि निकली,सारे जगत को तारी ।जेहि चरनन से तरी
उधो रे हम प्रेम दीवानी हैं,वो प्रेम दीवाना।ऐ उधो हमें ज्ञानकी पोथी ना सुनाना॥ तन मन जीवन श्याम का,श्याम हम्मर
होली खेलन आयो श्याम आज याहि रंग में बोरो री, कोरे-कोरे कलश मँगाओ, रंग केसर को घोरो री, मुख ते
नवल वसंत नवल वृंदावन खेलत नवल गोवर्धनधारी ।हलधर नवल नवल ब्रजबालक नवल नवल बनी गोकुल नारी ।।नवल जमुनातट नवल विमलजल
श्री गोविंद देव जू प्राकट्य उत्सव विशेष श्री कृष्ण एक ग्वाल बालक के रूप में गए तथा रूप गोस्वामी से
हे कृष्ण, तुम प्रेम का अध्याय हो,हर प्रीत का पर्याय हो,हर गीत का अभिप्राय होअन्याय में तुम न्याय हो हर