
हर ग्यारस जो खाटू जाते
हर ग्यारस जो खाटू जाते श्याम भगीची भी जाना, आलू सिंह के चरणों में इक धोक लगा आना, हर ग्यारस
हर ग्यारस जो खाटू जाते श्याम भगीची भी जाना, आलू सिंह के चरणों में इक धोक लगा आना, हर ग्यारस
मुझ जैसे पापी पे तेरी नज़र है तेरा शुकर है बाबा तेरा शुकर है मैं हूँ नालायक फिर भी मेहर
मेरे दिलदार बाबा सुन पढ़ी मजधार में नैया उठा पतवार आके, मैं तो हु बाबा बहुत दुखारी, आया हु मैं
खाटू में मेरा सेठ संवारा रहता है, सेठ के दर पे रोज खजान बटता है, पल भर में बनते है
मेरे बाबा को भी, ग्यारस का इंतजार रहता है, वो श्याम धणी, भक्तों के लिए बेकरार रहता है… मेरे बाबा
मर्ज़ी तेरी है थामो ना थामो मेरा हाथ मैंने सुना है सबसे हारे का साथी बनके देते तुम साथ अखबारों
भावें अज्ज मेहर कर, भावें कल मेहर कर, झोली मेरी वी तू खुशीआं दे नाल दाती भर । तेरे द्वार
तेरे दर पे है माँ है जुका मेरा सिर, तेरे चरणों का पारस जो जु जाए गा, बाह जिसकी भवानी
सारे मिल के खुशियां मनाओ आई दिवाली आई, नाचो गाओ धूम मचाओ लक्ष्मी जी घर आई, सारे मिल के खुशियां
मणि दिवाली माँ तेरे दर पे आने से, चलने लगा परिवार मेरा इक चुनड़ी चढ़ाने से, मेरी तकदीर अच्छी थी