
मेरो लाला झूले पालना, नित होले झोटा दीजो
मेरो लाला झूले पालना, नित होले झोटा दीजो नित होले झोटा दीजो, नित होले झोटा दीजोमथुरा में जाको जनम लियो
मेरो लाला झूले पालना, नित होले झोटा दीजो नित होले झोटा दीजो, नित होले झोटा दीजोमथुरा में जाको जनम लियो
बैकुंठ से सज कर आया रे लाला का पलना. ….ब्रह्मा जी ने गढ़ाया ब्रह्माणी ने सजाया,गोकुल में आए झुलामे री
जन्म लियो दोनों भैया, गोकुल में बाजे बधैया, बाजे बधैया हो बाजे बधैया, जन्म लियो… गलियों गलियों में धूम मची
जन्मे है कृष्ण कन्हैया गोकुल में बाजे बधैया हो,देवकी के जन्मे कन्हैया गोकुल में बाजे बधैया हो…..नंद मगन मन मोतिया
कान्हा पर लाड लडावे यशोदा मैया….जब कान्हा को जन्म भयो है,हीरा मोती लुटावे यशोदा मैया,कान्हा पर लाड लडावे यशोदा मैया….जब
नमो राघवाय करुणावरुणालय श्रीमद्राघवेन्द्र सरकार महाप्रभु अप्राकृत और सच्चिदानन्दघन हैं। उनके नाम भी अप्राकृत और सच्चिदानन्द-स्वरूप हैं। भगवान् श्रीराम सर्वथा
हे गोविन्द हे नटवर नागर हे मधुसूदन मोहन हो ।राधा के संग रास रचावत मधुबन में मनमोहन हो ।।हे
दासी हूँ तेरी श्यामा, सेवा में साथ रख लो,मैं आपकी हूँ प्यारी, मैं आपकी हूँ प्यारी,अपने ही पास रख लो,दासी
तीन लोक के स्वामी “श्री हरि” प्रगट्यो बन यदुराई नन्द गाँव में जसुदा माई जायो कृष्ण कन्हाई ब्रज में बजत
जाकी रही भावना जैसी।प्रभु मूरति तिन्ह देखी तैसी।। श्रीरामचरितमानस के बालकाण्ड की यह चौपाई है। जिसके पास जैसा भाव है,