भजन (Bhajan)

भगवान् शिवकृत दुर्गास्तोत्र

रक्ष रक्ष महादेवि दुर्गे दुर्गतिनाशिनि।मां भक्त मनुरक्तं च शत्रुग्रस्तं कृपामयि।। विष्णुमाये महाभागे नारायणि सनातनि।ब्रह्मस्वरूपे परमे नित्यानन्दस्वरूपिणी।। त्वं च ब्रह्मादिदेवानामम्बिके जगदम्बिके।त्वं

Read More...

नवदुर्गा स्तवः

शैलपुत्री-कार्येण याऽनेकविधां श्रयन्ती, निवारयन्ती स्मरतां विपत्तीः।अपूर्वकारुण्य रसार्द्र चित्ता, सा शैलपुत्री भवतु प्रसन्ना।।१।। ब्रह्मचारिणी-स्वर्गोऽपवर्गो नरकोऽपि यत्र, विभाव्यते दृक्कलया विविक्तम्।या चाऽद्वितीयाऽपि शिवद्वितीया,

Read More...

जय जय सुरनायक जन सुखदायक

जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता।गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता।। पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम

Read More...