
पिंजरा निकालना बाकी है
पिंजरा निकालना बाकी हैनिकाल लाया हूँ एकपिंजरे से मैं एक परिंदापरिंदे के तनहा दिल सेपिंजरा निकालना बाकी है परिंदे तेरा

पिंजरा निकालना बाकी हैनिकाल लाया हूँ एकपिंजरे से मैं एक परिंदापरिंदे के तनहा दिल सेपिंजरा निकालना बाकी है परिंदे तेरा

हे मैया… यशोमती मैय्या से,बोली बृज बाला,लूट लियो मेरो माखन,तेरो नन्दलाला । पहले सुनाई मुरली,मन हर लिन्हो,सुध बुध भुलाई मैय्या,ऐसो

हे कृष्णवदन हे मधुसूदन,घनश्याम कहे या मनमोहना। नन्दलाल, गोविन्द गोपाल तेरे दर्शन को तरस रहे नैना।श्यामल पंखी तेरा मोर मुकुट,

पूर्ण माहि रहना रे साधोयही सत्गुरु का कहना रे साधोपूर्ण माहि रहना पूर्ण ज्ञान स्वयं परकाशीकाटे नाम रूप की फांसीसहज

मन तड़पत हरि दरशन को आज ॥मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज ।आ विनती करत हूँ रखियो लाज ॥ मन

मुरलिया करत हिया में झंकार।अधर धरै जब कृष्ण कन्हैयाबाजत दिल के तार।मुरलिया करत हिया में झंकार तान धरै जब जब

मैं हूँ शरण में तेरी संसार के रचैयाकश्ती मेरी लगा दो उसपार ओ कन्हैया मेरी अरदास सुन लीजेप्रभु सुध आन

तेरे चरण मेरे मथुरा काशीबनवारी ब्रज के वासीअँखियाँ दर्शन की मतवारीमनमोहन मन के वासी तेरे चरण मेरे मथुरा काशी बनवारी

कई जन्मों से बुला रही हु कोई तो रिश्ता जरूर होगा॥नज़रो से नज़ारे मिला ना पायी मेरी नज़र का कसूर

सखी सपने में एक अनोखी बात हो गई,सांवरे से मेरी मुलाकात हो गई,मैं तो गहरी नींद में सोये रही थी,उस