अयोध्या के राजा तुम सारे जगत के विधाता
अयोध्या के राजा तुम सारे जगत के विधाता तुजसे है सबका नाता तू ही है भाग्य विधाता तुम ही पालनहार
अयोध्या के राजा तुम सारे जगत के विधाता तुजसे है सबका नाता तू ही है भाग्य विधाता तुम ही पालनहार
अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना, तुम्हारी लाड़ली सीता हुई बेहाल कह देना जब से लंका में आई
रघुनाथ जी हो जिसकी बिगड़ी बनाने वाले, फिर क्या बिगाड़ सकते उसका ज़माने वाले, कैसा भी वक़्त आये परवाह क्यों
सजत बाटे अवध नगरिया स्वर्ग से सुंदर जन्तवा हो स्वर्ग से सुंदर हां स्वर्ग से सुंदर झूमी झूमी नाचे नर
कहीं राम लिख दिया है, कहीं श्याम लिख दिया है, साँसों के हर सिरे पर, तेरा नाम लिख लिया है,
आज अवध नगरिया निहाल हे सखी : आज अवध नगरिया निहाल हे सखी, जन्मे राजमहल चार लाल हे सखी, आज
हे राम मेरे प्यारे राम …..मेरे प्यारे राम ……. सिया के राम मुझे तेरा सहारा श्री राम अयोध्या वाले तेरा
एक नाम है राम ओ राम एक ही नाम है राम ओ राम एक ही नीर गंगा जी एक ही
दोहा: पूजा जप ताप मैं नहीं जानू, मै नहीं जानू आरती | राम रतन धन पाकर के मै प्रभु का
हरे रामा हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे