राम नाम डा गिद्धा
राम नाम दा गिधा,नी तू पा ले जिंदे मेरिये, पुठा भावे सीधा नी तू पा ले जिंदे मेरिये, राम नाम
राम नाम दा गिधा,नी तू पा ले जिंदे मेरिये, पुठा भावे सीधा नी तू पा ले जिंदे मेरिये, राम नाम
हे दयामय आप ही संसार के आधार हो आप ही करतार हो हम सबके पालनहार हो हे दयामय आप ही
आनंदले रंगले दंगले,आनंदले रंगले दंगले ॥ भाव सुमने माळून ,भक्ति चंदने लेपून ॥ रोम रोमातून मी गंधले, आनंदले रंगले दंगले……
उठ नाम सिमर, मत सोए रहो, मन अंत समय पछतायेगा जब चिडियों ने चुग खेत लिया, फिर हाथ कुछ ना
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो किस बात की चिंता शरण में रख दिया जब माथ तो किस बात की चिंता
मन की पीड़ सही ना जाए बोलो जय श्री राम, राम नाम के सुमिरन से ही बन जाते सब काम,
राम तुझे जपता रहू मैं तेरी धुन में बैठा रहू हालात ऐसे अब तो करो न राम जी किरपा करो
राम दो निज चरणों में स्थान, शरणागत अपना जन जान , अधमाधम मैं पतित पुरातन , साधनहीन निराश दुखी मन,
हिन्दुस्तान में राम प्रभु की सब से बड़ी सरकार है, पूरब पश्चिम उतर दक्षिण गूंजे यही जैकार है, मेरे राम
माया मरी ना मन मरा, मर मर गया शरीर । आशा तृष्णा ना मरी, कह गए दास कबीर ॥ माया