रानी सती आज मेरे घर आई
रानी सती आज मेरे घर आई घर आई माँ घर आई, मुझपे तरश ये खा गई और मेरा मान बड़ा
रानी सती आज मेरे घर आई घर आई माँ घर आई, मुझपे तरश ये खा गई और मेरा मान बड़ा
सारी सतियो में मैया तू सरताज है, सभी देवी देवता करते तुझपे नाज है, तेरे हाथो में हम भगतो की
सबसे बड़ी सरकार तेरी सबसे बड़ी सरकार तेरा गोरिया में दरबार तेरी हो रही जय जयकार हमने तो लिख दिया
एक बार माँ आजाओ फिर आके चली जाना, हमे दर्श दिखा जाओ दिखला के चली जाना तुम को मेरे गीतों
बैठे क्या सोचते हो झुंझुनू तो चल कर देखो ना किस्मत पल में सवर जायेगे बिगड़ी वाहा पे सुधर जायेगी
नन्हा सा फूल हु मैं चरणों की धुल हु मैं आया हु मैं तो तेरे द्वार ओ मैया मेरी पूजा
भादो आया है कि भादो आया है, चलो दादी के द्वार, मनायें नच नच कर, दादी का त्यौहार, कि भादो
बैठे माँ ऊंचे सिंगसन कइया चुनड़ी ओडवा जी, चुनरी ओडन आजा दादी भक्ता बीच भुलावा जी, समजो तो यो परिवार
जी लूँगा मैं संसार के बिना, कैसे जीउ गा माँ तेरे प्यार के बिना , जी लूँगा मैं संसार के
त्रिशूल रूप धारिणीम , झुंझुनू निवासिनीम , महासती नारायणीम , नमामि सत-शिरोमणिम । रण प्रियाम बिरांग नाम गुर सहाय नन्दिनीम