भादी अमावस आयी
भादी अमावस आयी, भगतां मिल ज्योत जगायी, बेगा पधारो म्हारे आंगणे… ओ दादी… बेगा पधारो म्हारे आंगणे… थारी चौकी सजवायी,
भादी अमावस आयी, भगतां मिल ज्योत जगायी, बेगा पधारो म्हारे आंगणे… ओ दादी… बेगा पधारो म्हारे आंगणे… थारी चौकी सजवायी,
तू चरणों में झुक जा तेरा हाथ पकड़ लेगी, दादी तुझको अपने भगती में झकड लेगी तू चरणों में झुक
कैसी लागि चुनड़ी माँ बोलो तो सही, लाया थारा टाबरियां माँ ओड़ो तो सही, मनडे राता रा चिपाया भावना रा
दादी के मंगल में मिल कर हम प्रण ये करे, हर घर घर नारायणी गूंजे बस नाम तेरे, दादी के
आ दरश दिखा दे मेरी माँ तुझे तेरे लाल बुलाते हैं – २ तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन –
महरे अंगाने में दादी जी ते आओ ते सही बात उदीका तहरी दर्श दिखो तो सही, महरे अंगाने में……….. तहरी
दो दिन में कोण सा तेरा झुंझुन भागे से, सिंह पर चढ़ कर आजा कौन सा बाहड़ा लागे से, तने
चारो पल्ला सुआ मोर बीच में कोयल करती शोर सुन म्हारी … दादी ऐ ऐ ऐ ..दादी ऐ ऐ ऐ
दादी मंगलम दादी नाम मंगलम दादी जी को झुंझुनू धाम मंगलम दादी नाम मंगलम…मंगलम…मंगलम… दादी जी को सत्य स्वरुप मंगलम
दादी मेरा काम करो गी क्या लोगी, सिर पर हाथ देरहो गी बोलो क्या लोगी, छोटी सी है नाव मेरी