संकट हरनी मंगल करनी
संकट हरनी मंगल करनी करदो बेडा पार भरोसो भारी है, भारी है माँ भारी है तोरो भरोसो भारी है, जय
संकट हरनी मंगल करनी करदो बेडा पार भरोसो भारी है, भारी है माँ भारी है तोरो भरोसो भारी है, जय
सरब सुहागन मिल मंदरिये में आई दादी जी के हाथ रचाई जी या मेंहदी सोने की झारी में गंगाजल ल्याई
महापे जमवाय माँ की किरपा होई फूले- फले परिवार महापे जमवाय माँ की मइया की किरपा से म्हारो भर्यो रवै
दादी जी झूलो तो घालयो थे झूलो री म्हारी मायड़ तो मन हरषे टाबरिया थाने तो रिझावे थे आओ तो
झुंझनवाली को मनाना आसान हो गया, जवा फूल चाढ़ाते ही मेरा काम हो गया, झुंझनवाली को मनाना आसान हो गया
अखारी समय में हम करीब हो न हो, झुंझनू की मिटटी नसीब हो न हो, जब तक मावड़ी ये सास
चाली जीण बनी में आई सामो मिलगो हर्षो भाई, क्यों घर छोड़ चली माँ जाई, बहना म्हारी है बहना म्हारी
लेकर चुंनड़ी हाथां म तेरा सेवक नाचे रे, जगत सेठानी का जगत में डंका भाजे रे, लेकर चुंनड़ी हाथां म
तेरे सहारे थे दादी जी तेरे सहारे है, तेरे सहारे ही रहेंगे ओ मेरी मैया, तेरे हवाले थे दादी जी
न्यारी दादी प्यारी दादी म्हारी दादी, मैं भी मैया थारी बेटी माँ से नजर चुरावे है, ओ दादी म्हाने काई