खाटूश्याम
खाटूश्याम दरश मन इच्छा, श्याम सलौना नेक है।लाख मुशीबत हों पथ में, बस मंजिल मेरी एक है।।भिन्न-भिन्न हो सकती राहें,
खाटूश्याम दरश मन इच्छा, श्याम सलौना नेक है।लाख मुशीबत हों पथ में, बस मंजिल मेरी एक है।।भिन्न-भिन्न हो सकती राहें,
थारो म्हारो प्रेम अनूठो, जईयाँ प्रीत पुरानी फिर भी क्यों तड़पावो हो म्हाने, बोलो शीश का दानी उलझी गाँठया ने,
मेरे घर के आगे श्याम तेरा मंदिर बन जाये,जब खिड़की खोलू तो तेरा दर्शन हो जाये,मेरे घर के आगे श्याम
श्याम तुमसे मिलने का सत्संग ही बहाना हैदुनिया वाले क्या जाने मेरा रिश्ता पुराना हैजब से तेरी लगन लगी दिल
श्याम ही पूजा मेरी, श्याम ही प्रार्थनाश्याम ही वंदन मेरा, श्याम ही आराधनामेरी सासों में तू है, मेरी बातो में
खाटू वाले हम भी तेरे सहारे बाबा हम भी तेरे सहारेशीश का तूने दान दिया है हारे के तुम बने
ओ खाटु वाले बाबा,मुझे तेरा आसरा है ।तुझ बिन बता साँवरिया,मेरा कौन सहारा है ।। जग रंग मंच है ये,किरदार
कदे कदे तो श्याम तेरी याद घणी आव तुं तो बैठ्यो देश ढूँढ़ारैचोखो रोग लगायो म्हारैहोज्या नींद हराम,तेरी याद घणी
श्याम बाबा श्याम बाबा दया करो तेरे दास पे है चारो और अँधेरा सूजे ना सवेरा और ना कोई बाबा
भावनाओं के गुलाबों सेबनायी है तेरी माला…साँवरे…शब्द रूपी पुष्पों सेकिया तेरा श्रृंगार है प्यारे अपने नैनों के दिये सेतेरी आरती