हे शिव शंभु आपको बारंबार प्रणाम है
हे प्रभु हे देवाधिदेव गजधर्म धारण करने वाले पार्वती वल्लभ हे परमेश्वर हे शंभु आपको बारंबार प्रणाम है प्रणाम हैं
हे प्रभु हे देवाधिदेव गजधर्म धारण करने वाले पार्वती वल्लभ हे परमेश्वर हे शंभु आपको बारंबार प्रणाम है प्रणाम हैं
हे प्रभो,हे विश्वम्भर,हे दीनदयाल ,हे कृपा सिन्धु,हे सर्वशक्तिमान,परब्रह्म परमेश्वर आपको प्रणाम है प्रणाम है,प्रणाम है।हे प्रभु न मै योग जानता
शीश गंग अर्धग पार्वती, सदा विराजत कैलासी।नंदी भृंगी नृत्य करत हैं, धरत ध्यान सुखरासी॥शीतल मन्द सुगन्ध पवन, बह बैठे हैं
शिव हर शंकर नमामी शंकर शिव शंकर शंभो,हे गिरिजापती भवानी शंकर शिव शंकर शंभो!! तीनों लोक के पालनहार ।तुमको नमन
परात्मानमेकं जगद्विजमाद्यं निरीहं निराकारमोङ्कारवेद्यम् । यतो जायते पाल्यते येन विश्वं तमीशं भजे लीयते यत्र विश्वम् ।। श्रीमच्छंकराचार्यविरचित वेदसारशिवस्तव शिव शंकर
जय प्रभु शंकर दीनदयाला ।प्रभु जी मोहे करो निहाला ।।सत्य संतोष शील मोहित दीजिए । मोर दोष दुर सब किजिए
आज तो कैलाश में बाज रहे डमरू, नाच रहे भोलेबाबा बाज रहे घूंघरूशंकर जी नाचे संग पार्वती जी नाचेभूत प्रेत
एक दिन वो भोले भंडारी, बन करके बृजनारी, गोकुल में आ गये हैं,। पार्वती भी मनाके हारी, ना माने त्रिपुरारी,
हे प्रभु हे शिव हे हे महादेव अजन्मा अनादि आपको आप को मेरा नमस्कार हैं नमस्कार है ‘नमस्कार हैं ।जो
आशुतोष सशांक शेखर चन्द्र मौली चिदंबरा, कोटि कोटि प्रणाम शम्भू कोटि नमन दिगम्बरा, निर्विकार ओमकार अविनाशी तुम्ही देवाधि देव ,जगत