शौकीन भस्मों का
शौकीन भस्मों का बैठा है श्मशान में, जो है देवो का देव जो कहलाये महादेव , सारी दुनिया जहां में,
शौकीन भस्मों का बैठा है श्मशान में, जो है देवो का देव जो कहलाये महादेव , सारी दुनिया जहां में,
ओहदा डम डम डमरू बोल्दा जदो शिव पी लेंदा भंग, फिर धरती अम्बर डोल्दा सब देख रह जांदे ढंग, ओहदा
झूम रहा सारा कैलाश भोले जी की भगति में, भोले जी की भगति में भोले जी की भगति में, देखो
दूल्हा बन के चले है भोले बाबा, देखो जी शिव रात आ गई, चलो गोरा को देने वधाई शिव की
जद शिव दा डमरू वज्दा है दिल आप ही नचन लगदा है, जदो भी आवाज मीठी कना विच पेंदी है,
महादेव महादेव महादेव तीन लोक के तुम को स्वामी, जगत पिता पालनहार, महादेव महादेव महादेव उनका डमरू डम डम बोले,
शिवरात्रि का पावन पर्व मनाएंगे, सुबह सवेरे शिव मंदिर हम जायेगे, भोले भावना से भोले नाथ को रिजाएगे, दूध और
गोरा दी सखियाँ ने आके सुनाया, लाडे तेरे ने आके हाल की बनाया, भुत ते प्रेत लेके आया है बाराती,
आईं सावन की रुत प्यारी रे, गौरा भंगिया की करले तैयारी, भोले घोटु न भांग तुम्हारी रे, लागी कैसी ये
चल पड़ा शिव का पुजारी शिव को मनाने के लिए, हाथ में ले गंगाजल गढवा शिव पे चढ़ाने के लिए,