आईं सावन की रुत प्यारी रे
आईं सावन की रुत प्यारी रे, गौरा भंगिया की करले तैयारी, भोले घोटु न भांग तुम्हारी रे, लागी कैसी ये
आईं सावन की रुत प्यारी रे, गौरा भंगिया की करले तैयारी, भोले घोटु न भांग तुम्हारी रे, लागी कैसी ये
चल पड़ा शिव का पुजारी शिव को मनाने के लिए, हाथ में ले गंगाजल गढवा शिव पे चढ़ाने के लिए,
भोले जपो जपो मन प्यारा मुक्ति मिले मिले छुटकारा तुझको जपना होगा तुझको जपना होगा भोले का जो नाम गाता