
शंकर दा घोटा
शंकर दा घोटा – ला घोटा, कुंडे विच सोटा – ला घोटा, शिव दे मस्त मलंग जो भग्तो, ऱज

शंकर दा घोटा – ला घोटा, कुंडे विच सोटा – ला घोटा, शिव दे मस्त मलंग जो भग्तो, ऱज

बम बम बम ब-बम ब-बम बम बम बम बम गल सर्पो की माला है माथे चंदा चमकाए नंदी पर है

गोरा बोली भोले से,कब बरात लाओगे, इन चांदनी सी रातों में,दुल्हन कब बनाओगे॥ इधर मेरे मेहंदी लगे,उधर तुम्हरे भस्मी चढ़ें,

शौकीन भस्मों का बैठा है श्मशान में, जो है देवो का देव जो कहलाये महादेव , सारी दुनिया जहां में,

ओहदा डम डम डमरू बोल्दा जदो शिव पी लेंदा भंग, फिर धरती अम्बर डोल्दा सब देख रह जांदे ढंग, ओहदा

झूम रहा सारा कैलाश भोले जी की भगति में, भोले जी की भगति में भोले जी की भगति में, देखो

दूल्हा बन के चले है भोले बाबा, देखो जी शिव रात आ गई, चलो गोरा को देने वधाई शिव की

जद शिव दा डमरू वज्दा है दिल आप ही नचन लगदा है, जदो भी आवाज मीठी कना विच पेंदी है,

महादेव महादेव महादेव तीन लोक के तुम को स्वामी, जगत पिता पालनहार, महादेव महादेव महादेव उनका डमरू डम डम बोले,

शिवरात्रि का पावन पर्व मनाएंगे, सुबह सवेरे शिव मंदिर हम जायेगे, भोले भावना से भोले नाथ को रिजाएगे, दूध और