
चल कावड़िया रे चल चल
चल कावड़िया रे चल चल कावड़िया, कावड उठा के चल कावड़िया, बोल बम बोल बम कावड़िया कावड उठा के चल

चल कावड़िया रे चल चल कावड़िया, कावड उठा के चल कावड़िया, बोल बम बोल बम कावड़िया कावड उठा के चल

कबूल मेरी विनती होनी चाहिए, तेरे पागलो में गिनती होनी चाहिए, तेरे नाम का लेके सहरा चलता है परिवार हमारा,

हे शिव शंकर डमरू वाले तेरा रूप निराला, जय शंकर भोले, जय शम्बू भोले, बम बम भोले तू है शिव

शंकर नमामि शंकर नमामि, अंतर यामी और निष्कामी, जय बाबा ओमकारी स्वामी, मनर मदा की पावन धरा करती है अभिषेक

भोले गौरा को ब्याहने आया , बड़ा विकराल रूप बनाया, गले में सर्पो की माला, तन पे है मृग छाला,

जल बरसे भीगे जटा धारी जल बरसे,, हो जल बरसे भीगे जटा धारी, गोरा ने भगिया में घोटा लगाया, पीमे

कट प्रीता नाल चरखा सिमरन दा, बड़े ही भागा नाल मिलिया हीरे मोतियां नाल जड़ियाँ, चढ़ी जवानी सिर ते तेरे

पार्वती बोली भोले से ऐसा महल बना देना, कोई भी देखे तो ये बोले क्या कहना भाई क्या कहना, जिसदिन

आरती करिए शिव शंकर की, उमापति भोले हरिहर की, चंद्र का मुकुट शीश पे सोहे, नाग की माला मन को

बम बम बोले भंडारी शिव शम्भू रुदर अवतारी, मैसेज भक्तो के पड़ के शिव हर लो पीड़ा सारी, भगवान कभी