चदरिया झीनी रे झीनी
कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हँसे,हम रोये । ऐसी करनी कर चलो, हम हँसे,जग रोये ॥ चदरिया झीनी रे
कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हँसे,हम रोये । ऐसी करनी कर चलो, हम हँसे,जग रोये ॥ चदरिया झीनी रे
जब तेरी डोली निकाली जाएगी, बिना महूरत के उठा ली जायेगी, जब तेरी डोली निकाली जाएगी इन हकीबो से कहो
अति कभी ना करना प्यारे इति तेरी हो जायेगी, बिन पंखो के पंक्षी जैसी गति तेरी हो जायेगी, अति सूंदर
उलझ मत दिल बहारो में बहारो का भरोसा क्या, सहारे छुट जाते है सहरो का बरोसा क्या, तमनाये जो तेरी
मीठा मीठा बोल तेरा क्या बिगड़े वीर वीर बोल तेरा क्या बिगड़े, इस संसार में दम नहीं कब निकले जान
पाला पाला चालो बाबो भली करेला, धाम रुणिचे वालो बाबो भली करेला, माथे चाहे तपे तावड़ो,मत इरसु घबराओ जी, जय
निन्द्रा बेच दू कोई ले तो, रामो राम रटे तो तेरो मायाजाल कटेगी, भाव राख सतसंग में जावो, चित में
जिंदगी में हजारो का मेला जुड़ा, हंस जब भी उड़ा अकेला उड़ा, राज राजा रहे न वो रानी रही, न
करले रे मन सच्चे प्रभु का तू वंदन, मात पिता सा दूजा नहीं कोई भगवान, करले रे मन सच्चे प्रभु
सब कुछ मिलता जाता है माँ बाप नहीं मिलते, ज़िंदगी भर पछताते जो कदर नहीं करते, माँ बाप से बढ़