
प्रभु का सुमिरन करले
तर्ज:- रामचंद्र कह गए सिया से आसमान में उड़ने वाले , मिट्टी में मिल जाएगा, भजन प्रभु का
तर्ज:- रामचंद्र कह गए सिया से आसमान में उड़ने वाले , मिट्टी में मिल जाएगा, भजन प्रभु का
तेरी ऊँगली पकड़ के चला ममता के आंचल में पला माँ ओ मेरी माँ मैं तेरा लाडला माँ ओ मेरी
जो है वो भुलाने के काबिल नहीं है जो है वो भुलाने के काबिल नहीं है नहीं है वो पाने
तन को जोगी सब करे, मन को करे ना कोई, सहजे सब सिद्धि पाइए, जो मन जोगी होय ।
लीले घोड़े रा असवार करां थारी मनवार बाबा म्हारे घरां आवो जी आवो न बाबा,म्हारे घरां आवो जी काना में
झोली तो भर गई है नियत भरी नहीं है, बेसबर बंदे तेरी कश न मिटि नहीं है, झोली तो भर
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया गाडी निकल गयी
जग में जो मेरी अच्छी पहचान है पापा ये मुझ पर तेरा एहसान है भगवान से पहले पापा तुझको सिस
खेतरपाल दा कहंदा गुलाम आ गया, खेतरपाल नाल लाइया मजा आ गया, खेतरपाल दा कहंदा गुलाम आ गया, बाबा साहब
अग्रसेन महाराज जी तुम्हे लाखों प्रणाम, लाखो प्रणाम तुम्हे लाखो प्रणाम, अग्रसेन महाराज जी तुम्हे लाखों प्रणाम तुझबीण कौन हमारा