
अपना शोध करो कि तुम कोन हो
आप सभी मुझे दोष दे रहे हैं ।मेरा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहींजरा सोचें और विचार करें
आप सभी मुझे दोष दे रहे हैं ।मेरा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहींजरा सोचें और विचार करें
सारे तीर्थ धाम आपके चरणो में ।हे गुरुदेव प्रणाम आपके चरणो में । हृदय में माँ गौरी लक्ष्मी,कंठ शारदा माता
हरे कृष्ण हर कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरेहरे राम हरे राम राम राम हरे हरे सोलह अक्षरों का महामंत्र हरे
जो बाग़ लगाया है, फूलों से सजा देना,भगवान मेरी नईया,उस पार लगा देना ||अब तक तो निभाया है,आगे भी निभा
मुश्किल से नर तन मिला है, ये गंवाने के काबिल नहीं है।नाम हरि का हृदय से न भूलो, ये भुलाने
नाम है तेरा तारणहाराकब तेरा दर्शन होगाजिनकी प्रतिमा इतनी सुंदरवो कितना सुंदर होगावो कितना सुंदर होगा…जिनकी प्रतिमा इतनी सुंदरवो कितना
हम भगवान पर पूर्ण विशवस करे। रामजी और कृष्णजी को हम भगवान कहते है लेकिन पूर्ण रूप से भगवान पर
जब छोड़ चालू इस दुनिया को, होंठो पे नाम तुम्हारा हो,चाहे स्वर्ग मिले या नरक मिले, हृदय में वास तुम्हारा
मै प्रथम राम राम मेरे भगवान तुमको करती हूं। हे परमात्मा तुम मेरी आत्मा के स्वामी हो। हे परम पिता
ओ हरि जी, चरन कमल बलिहारी ओ हरि जीजेहि चरनन से सुरसरि निकली,सारे जगत को तारी ।जेहि चरनन से तरी