“गीतगोविन्द” के पद
बहुत समय पहले की बात है मुल्तान ( पंजाब ) का रहने वाला एक ब्राह्मण उत्तर भारत में आकर बस
बहुत समय पहले की बात है मुल्तान ( पंजाब ) का रहने वाला एक ब्राह्मण उत्तर भारत में आकर बस
।।श्रीहरिः।। मेरे मन में एक बात आ रही है ! लोग कहते हैं कि बदरीनारायण जायँ, वृन्दावन जायँ, अयोध्या जायँ,
महान संतों ने कहा है कि जिन मनुष्यो के मन मे भगवद भक्ति की लौ जल जाती है, वे बड़े
चित्त की एकाग्रता के लिए ही नामस्मरण की आवश्यकता है… चित्त की एकाग्रता बहुत ऊँची अवस्था है…. चित्त चंचल होता
सत्संग, या आध्यात्मिक लोगों की संगति, व्यक्ति के अंतिम उद्देश्य को प्राप्त करने का एकमात्र साधन है। भक्ति एक सिद्धांत
प्रेम ही जीवन की पूर्णता है। प्रेम हृदय का अनुराग और करुणा है। प्रेम हृदय को सरल बनाने की विधि
आज का प्रभु संकीर्तन।सत्संग की बहुत महिमा है, सत्संग तो वो दर्पण है जो मनुष्य के चरित्र को दिखाता है
– इन 11 संकेतों से कर सकते हैं आभास दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें उनके जीवन में
भगवान को प्राप्त करने के सभी साधनों में ‘शरणागति’ सबसे सरल साधन है। साधारण भाषा में शरणागति का अर्थ मन,
आज का प्रभु संकीर्तन#।।हम सभी जानते और कहते हैं कि प्रत्येक कार्य करते समय ईश्वर को सदैव याद रखे।किन्तु परिस्थिति