जंहा लेन देन है वंहा प्रभु प्रेम कंहा
एक सच्चा भक्त जिसके दिल मे भगवान समा जाते हैं। वह सब कथा और पाठ को छोड़ देता है जिस
एक सच्चा भक्त जिसके दिल मे भगवान समा जाते हैं। वह सब कथा और पाठ को छोड़ देता है जिस
जब भगवान के मन्दिर में हम जाते हैं तो वहाँ ‘चार’ ही काम विशेष रूप से होते हैं— एक आरती
–हर हर गंगे! जय जय गंगे पतितपावनी गंगा को देव नदी कहा जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गंगा स्वर्ग
*रावण रथी विरथ रघुवीरा, देखि विभीषण भयहु अधीरा**अधिक प्रीति मन भा सन्देहा, देखि विभीषण भयहु अधीरा**अधिक प्रीति मन
भगवान की भक्ति के अनेकों मार्ग है।किंतु हम जैसे गृहस्थ लोगो के लिए सबसे सहज मार्ग नाम जप या नाम
आज एक भगवान की चरण स्पर्श का भाव प्रकट करती हूँरात के ग्यारह बज रहे हैं। भक्त बैड पर बैठा
भक्त जितना भगवान के नजदीक होगा भक्त भगवान को बार बार मन ही मन प्रणाम करता है। भक्त का प्रणाम
सभी मानते है कि कोई है जो इस जीवन को चला रहा है।फिर भी हम उसका शुक्रिया करना,उसका नाम लेना
श्रीहरिः सारे जगत् के आत्मा भगवान् श्रीकृष्ण हैं। यह जगत् तभी सुखी होता है, शान्ति पाता है, जब अपनी आत्मा
मीरा जी जब भगवान कृष्ण के लिए गाती थी तो भगवान बड़े ध्यान से सुनते थे। सूरदास जी जब पद