प्रियतम से सम्बन्ध
हम भगवान राम, कृष्ण, हरि, शिव, को कथाओं में ढुंढते है।भजन गाते हैं। रामचरितमानस, भगवद्गीता, भागवत महापुराण को पढते है। मन्दिर
हम भगवान राम, कृष्ण, हरि, शिव, को कथाओं में ढुंढते है।भजन गाते हैं। रामचरितमानस, भगवद्गीता, भागवत महापुराण को पढते है। मन्दिर
मीरा जब वृंदावन पहुंची तो वृंदावन में जो कृष्ण का सबसे प्रमुख मंदिर था, उसका जो पुजारी था, उसने तीस

राम नाम की महिमा अनंत और अपार है। भगवान राम से भी बड़ा है उनका नाम। भगवान स्वयं भी राम

भक्तों के मन में एक जिज्ञासा रहती है कि हमारे रामजी बारह कला संपन्न हैं और श्रीकृष्ण सोलह (पूर्ण) कलाओं
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को बहुत बहुत हार्दिक बधाई ।। जय श्री कृष्ण ।। १. कृष्ण वो हैं

।। श्रीहरि: ।। यच्च किञ्चित् जगत् सर्वं दृश्यते श्रूयतेऽपि वा।अंतर्बाहिश्च तत्सर्वं व्याप्य नारायणः स्थितः।।(नारायण सूक्त) यह संपूर्ण ब्रह्माण्ड जो कुछ

जय शङ्खगदाधर नीलकलेवर पीतपटाम्बर देहि पदम्।जय चन्दनचर्चित कुण्डलमण्डित कौस्तुभशोभित देहि पदम्।।१।। जय पङ्कजलोचन मारविमोहन पापविखण्डन देहि पदम्।जय वेणुनिनादक रासविहारक वङ्किम

भगवान से कभी संसार मत मांगना क्योकि संसार मिलना कृपा नही है– बल्कि भगवान तो खुद भागवत मे कहते है

प्रेमरस से युक्त किशोरी जी! हे किशोर अवस्था वाली राधिके! हे प्रेमरस में सराबोर वृषभानुदुलारी! मेरे ऊपर भी कृपा की

भाव सहित खोजइ जो प्रानी।पाव भगति मनि सब सुख खानी।। मोरें मन प्रभु अस बिस्वासा।राम ते अधिक राम कर दासा।।