
नवल वसंत नवल वृंदावन खेलत नवल गोवर्धनधारी ।
नवल वसंत नवल वृंदावन खेलत नवल गोवर्धनधारी ।हलधर नवल नवल ब्रजबालक नवल नवल बनी गोकुल नारी ।।नवल जमुनातट नवल विमलजल
नवल वसंत नवल वृंदावन खेलत नवल गोवर्धनधारी ।हलधर नवल नवल ब्रजबालक नवल नवल बनी गोकुल नारी ।।नवल जमुनातट नवल विमलजल
जय श्री सीताराम जी की
आप सभी सीताराम जी के भक्तों को प्रणाम श्री रामचरितमानस लंका काण्डनल-नील द्वारा पुल बाँधना,श्रीरामजी द्वारा
सांसो मे खुशबू भर कर, प्रभु तुम चले गएतेरी करामात को समझ नहीं पाती हूँ। हर शब्द में हर विचार
राम राम राम राम जपो राम राम राम,राम ही आगाज है और राम ही अंजामराम नाम गाये जो पा जाएगा
जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे,कहीं प्यार कहीं टकराव मिलेगा । कहीं बनेंगे संबंध अंतर्मन से तो,कहीं आत्मीयता का अभाव
एक दिन कॉलेज में प्रोफेसर ने विद्यर्थियों से पूछा, कि इस संसार में जो कुछ भी है उसे भगवान ने
आपका मन जिन-जिन पदार्थोंका चिन्तन करता है, उनसे कितने दिनोंका सम्बन्ध है, जरा विचारें । इस देहके धारण करनेके समय
मंगल मूरति राम दुलारे,आन पड़ा अब तेरे द्वारे,हे बजरंगबली हनुमान।हे महावीर करो कल्यान। हे महावीर करो कल्यान।। तीनो लोक तेरा
अनंतकोटि ब्रह्मांडों की अधीश्वरी भगवती श्रीदुर्गा ही सम्पूर्ण विश्व को सत्ता और स्फूर्ति प्रदान करती हैं। इन्हीं की शक्ति से
प्रीत का गीत [राधा -कृष्ण ]राधा कृष्णा को पल पल पुकारेयादो के पल वो लगते हैं प्यारेझुकी झुकी यह पलके.