प्रभु संकीर्तन 53
प्रातः वंदन,,,,🙏🙏नमःशिवायहमारा शुद्धिकरणशरीर जल से,मन सत्य से बुद्धि ज्ञान सेऔर आत्मा संस्कार से पवित्र होती हैंअगर आप भीतर से बिलकुल
प्रातः वंदन,,,,🙏🙏नमःशिवायहमारा शुद्धिकरणशरीर जल से,मन सत्य से बुद्धि ज्ञान सेऔर आत्मा संस्कार से पवित्र होती हैंअगर आप भीतर से बिलकुल
गतांक से आगे – माता के बिना बालिका गौरा का पालन पोषण उसके पिता क्षितिश चन्द्र चक्रवर्ती कर रहे थे
जा पर कृपा राम की होई।ता पर कृपा करहिं सब कोई॥जिनके कपट, दम्भ नहिं माया।तिनके ह्रदय बसहु रघुराया॥जिन पर राम
बाँकेबिहारी मैं वारी बलिहारी पिय,प्रीतम हितकारी मो ओरि को निहारिये !! दरशन दो आन मोको दासी निज जान कान्हा,करुणानिधान विरह
सरकारी कार्यालय में लंबी लाइन लगी हुई थी। खिड़की पर जो क्लर्क बैठा हुआ था, वह तल्ख़ मिजाज़ का था
हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का अपना एक विशेष महत्व है। इनमें गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम शामिल
राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनातें हुए जब शुकदेव जी महाराज को छह दिन बीत गए और तक्षक ( सर्प
🙏 पुण्यों का मोल 🙏.एक व्यापारी जितना अमीर था उतना ही दान-पुण्य करने वाला, वह सदैव यज्ञ-पूजा आदि कराता रहता
“बरसाना”बरसाने की पीली पोखर से प्रेम सरोवर जाने वाले रास्ते से कुछ हटकर वन प्रांत में एक पुराना चबूतरा है।
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामपिता का परलोकगमन रात्रिर्गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातंभास्वानुदेष्यति हसिष्यति पंकजश्रीः।इत्थं विचिन्तयति कोशगते द्विरेफेहा हन्त! हन्त!!