
बद्रीनाथ के तप्त कुंड का क्या है रहस्य?
हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का अपना एक विशेष महत्व है। इनमें गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम शामिल
हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का अपना एक विशेष महत्व है। इनमें गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम शामिल
राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनातें हुए जब शुकदेव जी महाराज को छह दिन बीत गए और तक्षक ( सर्प
पुण्यों का मोल
.एक व्यापारी जितना अमीर था उतना ही दान-पुण्य करने वाला, वह सदैव यज्ञ-पूजा आदि कराता रहता
“बरसाना”बरसाने की पीली पोखर से प्रेम सरोवर जाने वाले रास्ते से कुछ हटकर वन प्रांत में एक पुराना चबूतरा है।
।। श्रीहरि:।। [भज] निताई-गौर राधेश्याम [जप] हरेकृष्ण हरेरामपिता का परलोकगमन रात्रिर्गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातंभास्वानुदेष्यति हसिष्यति पंकजश्रीः।इत्थं विचिन्तयति कोशगते द्विरेफेहा हन्त! हन्त!!
एक दिन द्वारिका में ,मीरा एक ऐसे दुखी व्यक्ति जो पुत्र की मृत्यु के पश्चात हताश हो सन्यास लेना चाहता
प्रहलाद ने भगवान से माँगा:- “हे प्रभु मैं यह माँगता हूँ कि मेरी माँगने की इच्छा ही ख़त्म हो जाए।”
गत पोस्ट से आगे ……….[ श्रीशुकदेवजी कहते हैं – ] परीक्षित ! इसलिये तुम ऐसा समझ लो कि बड़े-से-बड़े पापों
कलियुग में सबसे ज्यादा माँ लक्ष्मी जी की पूजा होती है, मां लक्ष्मी जी की कृपा जिन घरों में रहती
सुख भोगे जो कथा सुने विश्वास *राजा पृथु ने पूछा :–* हे नारद जी! अब आप यह कहिए कि भगवान